वास्तुअनुसार घर में
तिजोरी का स्थान
अधिकतर घरों में तिजोरी या धन रखने का निश्चित स्थान तो होता ही है. वास्तु अनुसार माना जाता है की यदि तिजोरी को सही समय पर किसी सही दिशा में रखा जाय तोघर में धन धान्य की कमी नहीं होती है तो चलिए जानते है तिजोरी या लॉकर से जुड़े कुछ जरूरी वास्तु टिप्स.
- प्राय: आभूषण और रुपए आदि आलमीरा के लॉकर में रखा जाता है। भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार लॉकर दक्षिण दिशा में रखना चाहिए ताकि लॉकर का दरवाजा उत्तर दिशा में खुलना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि धनदेव कुबेर उत्तर दिशा में निवास करते हैं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार जोड़ लगाया हुआ लॉकर या अलमारी घर में रखने पर कलह होता है।
- लॉकर या अलमारी आगे की तरफ झुकते हों तो गृहस्वामी घर से बाहर ही रहता है। अलमारी व लॉकर का मुख सदैव पूर्व या उत्तर की ओर खुले।
- विधिवत पूजन के बाद ही तिजोरी में वस्तुएँ रखनी चाहिए व हर शुभ अवसर पर इष्ट देव के साथ लॉकर का भी पूजन करें ताकि घर में बरकत बनी रहे।
- जिस तिजोरी या अलमारी में कैश व ज्वेलरी रखते हैं उसे कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखें। इससे अलमारी का मुंह उत्तर की ओर खुलेगा। इस दिशा के स्वामी देवताओं के खजांची कुबेर हैं। उत्तर दिशा में अलमारी का मुंह खुलने से धन और ज्वेलरी में बढ़ोतरी होती है।
- वास्तु विज्ञान में पूर्व दिशा को उन्नति और उर्जा की दिशा कहा गया है। इस दिशा के स्वामी इन्द्र हैं, जो देवताओं के राजा हैं। इसलिए धन-संपत्ति में वृद्धि की आशा रखने वाले को तिजोरी और धन रखने वाली अलमारी को पश्चिमी दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इससे तिजोरी और अलमारी का मुंह पूर्व दिशा की ओर खुलेगा और देवराज की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहेगी।
- अगर आपकी तिजोरी का मुंह दक्षिण दिशा की ओर खुलता है तो जल्दी से जल्दी तिजोरी का स्थान बदल दें। दक्षिण दिशा का स्वामी यम है। इस दिशा में तिजोरी का मुंह खुलने से रोग एवं अन्य दूसरी चीजों में धन का व्यय बढ़ जाता है। इस दिशा में धन रखने से धन की हानि होती है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार संपत्ति में वृद्धि के लिए जरूरी है कि आपको अपनी मेहनत के अनुसार अच्छी आमदनी हो और आपकी कमाई का कुछ हिस्सा बचे। लेकिन अगर आप पश्चिम दिशा में तिजोरी या धन रखते हैं तो ऐसा होना कठिन होता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार इस दिशा का स्वामी वरूण को माना जाता है। इसके कारण इस दिशा में धन रखने से धन पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है और धन पानी की तरह खर्च होता है। इसलिए आर्थिक तंगी बनी रहती है।
||श्री गणेशाय नमः||
