मुख्य द्वार
हर इंसान के लिए उसका ऑफिस या दफ्तर काफी महत्वपूर्ण होता है। यह एक ऐसा स्थान होता है, जहां वह अपनी जिंदगी का एक बड़ा समय व्यतीत करता है। वहीं जिन लोगों का अपना बिजनेस होता है, उनके लिए तो अपना ऑफिस ही सब कुछ होता है। ऐसे में ऑफिस और दफ्तरों का मुख्यद्वार अहम माना जाता है। आइये जानते है वास्तुअनुसार ऑफिस का मुख्यद्वार किस दिशा और कैसा होना चाहिए. मानव शरीर की पांचों ज्ञानेन्द्रियों में से जो महत्ता हमारे मुख की है, वही महत्ता किसी भी भवन के मुख्य प्रवेश द्वार की होती है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का प्रवेश द्वार यानि मेन डोर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
- ऑफिस में किसी भी कर्मचारी की पीठ मुख्य द्वार की तरफ नहीं होनी चाहिए दरवाजे की सीध में किसी कर्मचारी को न बैठाएं।
- भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार द्वार में प्रवेश करते समय द्वार से निकलती चुंबकीय तरंगे बुद्धि को प्रभावित करती है । इसलिए प्रयास करना चाहिए कि द्वार का मुंह वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर या पूर्व में ही हो.
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस का द्वार किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के पास होना शुभ नहीं माना जाता है।
