Temple ka Vastu in Hindi by CIVILSHAPE

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वास्तुअनुसार घर का

मंदिर

घर का मंदिर वो स्थान है जहां हम भगवान की पूजा किया करते हैं। मंदिर हमेशा शांतिपूर्ण जगह पर होना चाहिए. माना जाता है की यदि मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया और रखा जाय तो यह घर और वहां रहने वाले लोगो के लिए सुख-शांति और समृद्धि के द्वार खोल देता है. चलिए जानते है घर के मंदिर से जुड़े कुछ जरूरी वास्तु टिप्स.
  1. वास्तु विज्ञान के अनुसार पूजन, भजन, कीर्तन, अध्ययन-अध्यापन सदैव ईशान कोण में होना चाहिए।
  2. वास्तुअनुसार पूजा करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व में होना चाहिए। ईश्वर की मूर्ति का मुख पश्चिम व दक्षिण की ओर होना चाहिए।
  3. ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इंद्र, सूर्य, कार्तिकेय का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए। गणेश, कुबेर, दुर्गा, भैरव का मुख नैऋत्य कोण की ओर होना चाहिए।
  4. ज्ञान प्राप्ति के लिए पूजागृह में उत्तर-दिशा में बैठकर उत्तर की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए और धन प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा में पूर्व की ओर मुख करके पूजा करना उत्तम है।
  5. वास्तु अनुसार घर के मंदिर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, रखना शुभ नहीं माना गया है.
  6. पूजा घर का रंग स़फेद या हल्का क्रीम रंग का होना शुब्ता प्रदान करने वाला होता है.
  7. शयनकक्ष में कभी भी पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए. अगर जगह की कमी की वजह से मंदिर शयनकक्ष में है तो मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें.
  8. वास्तुअनुसार पूजाघर के लिए सबसे बढ़िया स्थान ईशान कोण माना गया है. इस दिशा में मंदिर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
  9. पूजा करते समय आपका मुख पूर्व की तरफ़ होना शुभ माना जाता है क्योकि इससे घर में धन, समृद्धि का वास होता है.
  10. वास्तुअनुसार सीढ़ियों के नीचे कभी भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए. इसके अलावा घर के मंदिर के ऊपर  गुंबद बनाने से नकारात्मक ऊर्जा आती है.

||श्री गणेशाय नमः||

CIVILSHAPE ADMIN

Er. Priyanshu Gandhi (Admin) has vast experience in Post Tensioning/ Stay Cable Systems for Pre-cast and In-situ infrastructure, Metro rail, Bridges, Buildings. He has driven efficiency, safety compliance and timely Project delivery over the last 7 years.

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